शुक्लाफांट राष्ट्रीय उद्यान के 514 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र पर अतिक्रमण

 

उप सम्पादक जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
16/11/2025

काठमाण्डौ,नेपाल – शुक्लाफांट राष्ट्रीय उद्यान के 514.31 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण हो चुका है।

ढाका, तारापुर और लल्लारे डांडा में लगभग 374.42 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण हो चुका है।

पार्क कार्यालय ने यह भी बताया है कि नेपाल-भारत सीमा स्तंभ संख्या 28 क्षेत्र में लगभग 139.89 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण हो चुका है।

तत्कालीन शुक्लाफांट अभ्यारण्य के विस्तार के दौरान विस्थापित हुए लोग अतिक्रमित क्षेत्र में रह रहे हैं।

पार्क के सूचना अधिकारी पुरुषोत्तम वागले ने बताया कि ढाका में 604 परिवार, तारापुर में 155 और लल्लारे में 13 परिवार अतिक्रमण में रह रहे हैं।

उनके अनुसार, भारतीय नागरिक नेपाल-भारत सीमा पिलर संख्या 28 क्षेत्र में पार्क क्षेत्र के लगभग 139.89 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं।

सूचना अधिकारी वागले ने कहा कि पार्क के कोर क्षेत्र में मानव बस्ती बैठने से वन्यजीवों के आवास पर असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा, “पार्क से विस्थापित लोग कोर क्षेत्र में रह रहे हैं, जिससे वन्यजीवों के आवास पर संकट आ रहा है। यहाँ रहने वालों को न्यूनतम सेवाएँ भी नहीं मिल पा रही हैं। इसलिए कोर क्षेत्र में बसावट से दोनों पक्ष प्रभावित होते हैं।”

*पार्क के ‘कोर क्षेत्र’ में बसावट*

वागले ने कहा कि पार्क से विस्थापित लोगों की समस्या का समाधान न होने के कारण पार्क के कोर क्षेत्र पर अतिक्रमण हो गया है।

उन्होंने कहा कि अब तक 33 आयोगों के गठन के बावजूद, रिजर्व से विस्थापित लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

नेपाल-भारत सीमा के पिलर संख्या 28 और 27 के बीच पार्क क्षेत्र में भी अतिक्रमण हुआ है। सूचना अधिकारी वागले ने बताया कि सीमा पर मुख्य स्तंभ के बीच कोई उप-स्तंभ न होने के कारण यह क्षेत्र विवादित हो गया है।

उन्होंने कहा, “भारतीय नागरिक उक्त क्षेत्र में खेती करते रहे हैं और हमारा भी उस क्षेत्र पर दावा है।” उन्होंने आगे कहा, “पिछले वर्ष नेपाली सेना और राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय ने संयुक्त रूप से स्तंभ संख्या 28 के पास एक चौकी स्थापित की थी।”

उन्होंने बताया कि सेना ने उस क्षेत्र में एक चौकी स्थापित कर दी है और गश्त शुरू कर दी है जहाँ भारतीय पक्ष अतिक्रमण कर खेती कर रहा है।

वर्तमान में, राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा के लिए विभिन्न स्थानों पर नेपाली सेना और राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय की 15 संयुक्त सुरक्षा चौकियाँ हैं, जबकि सेना ने तीन अलग-अलग चौकियों से सैनिकों को तैनात किया है।

2001में तत्कालीन शुक्लाफांट अभ्यारण्य (वर्तमान शुक्लाफांट राष्ट्रीय उद्यान) के पूर्वी क्षेत्र के विस्तार के दौरान विस्थापित हुए लोगों ने उद्यान के विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण कर लिया है, जिसके कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है। पार्क कार्यालय ने बताया है कि एक दशक में जंगली हाथियों के हमलों में तीन महिलाओं और 14 पुरुषों सहित 17 लोगों की मौत हो चुकी है।

Reporter

Please Share this News
  • Ramchandra Rawat

    चीप एडिटर - इंडिया न्यूज़ जक्शन

    Related Posts

    गीडा सेक्टर 15 स्थित रुंगटा इंडस्ट्रियल प्राइवेट लिमिटेड (रिफाइन फैक्ट्री) में भीषण आग, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित भारी फोर्स मौके पर

      गोरखपुर। आज शुक्रवार को औद्योगिक क्षेत्र गीडा सेक्टर 15 में स्थित रुंगटा इंडस्ट्रियल प्राइवेट लिमिटेड (रिफाइन फैक्ट्री) में अचानक भीषण आग लग गई। आग लगते ही फैक्ट्री परिसर और…

    Please Share this News

    वियतनाम में भारी बारिश से कम से कम 41 लोगों की मौत

      उप सम्पादक जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट 21/11/2025 काठमाण्डौ,नेपाल – लोकल मीडिया के हवाले से बताया कि पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश की वजह से सेंट्रल वियतनाम में…

    Please Share this News

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *