उप सम्पादक जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
15/11/2025
काठमाण्डौ,नेपाल – अलीनगर के कुल 12 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा चर्चा मैथिली ठाकुर की ही थी- उनकी राजनीतिक समझ से ज्यादा उनकी गायन प्रतिभा को लेकर। चाहे नामांकन का दिन हो या अमित शाह के साथ मंच साझा करने वाली उनकी सभा, लोग उनके भाषणों की तुलना में उनकी मधुर गायकी पर अधिक तालियां बजाते हैं।
लगभग एक दशक पहले जब बिहार की एक किशोरी ने अपनी मधुर आवाज से संगीत जगत में पहचान बनानी शुरू की थी, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वही संकोची लड़की एक दिन राजनीति के मैदान में उतर जाएगी।
लोक गायिका से राजनेता बनी 25 वर्षीय मैथिली ठाकुर अब अलीनगर निर्वाचन क्षेत्र से राजद के दिग्गज बिनोद मिश्रा को 11730 वोटों से हराकर बिहार विधानसभा के लिए निर्वाचित होने वाली सबसे कम उम्र की नेता बन गईं।
अलीनगर में 25वें और अंतिम राउंड की गिनती में मैथिली ठाकुर 84915 वोट पाकर विजयी रहीं।
जबकि राजद प्रत्याशी बिनोद मिश्रा 73185 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। 25 वर्षीय मैथिली ठाकुर ने कहा था, ‘‘मैं अलीनगर में घर बनाना चाहती हूं और इसे ही अपना स्थायी ठिकाना बनाऊंगी। मेरे ननिहाल की जड़ें यहीं हैं। मैं कहीं और नहीं रहना चाहती।’’
*मैथिली ठाकुर कौन हैं?*
मैथिली ठाकुर एक प्रसिद्ध गायिका हैं जो मुख्य रूप से शास्त्रीय संगीत, लोकगीत, भजन और मैथिली-भोजपुरी गीतों के लिए जानी जाती हैं।
उनका जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर संगीत शिक्षक हैं और मां भारती ठाकुर गृहिणी हैं। मैथिली बचपन से ही संगीत के प्रति समर्पित रही हैं और उनके 2 छोटे भाई भी उनके साथ ही परफॉर्म करते हैं। उनका नाम ऋषभ और अयाची है। मैथिली कई टीवी प्रोग्राम्स का भी हिस्सा रही हैं, जिसमें जी टीवी का ‘लिटिल चैंप्स’, 2017 में ‘राइजिंग स्टार’शामिल है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है।
मैथिली की पहचान बेहद विनम्र कलाकार और सादगी से भरी है। वह पारंपरिक गीत तो गाती हैं लेकिन बॉलीवुड से कुछ दूरी बनाकर रखती हैं।
उन्हें कई सम्मानों से नवाजा गया है, जिसमें 2021 में संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार, लोकमत सुर ज्योत्सना नेशनल म्यूजिक अवॉर्ड, और 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी से नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड शामिल हैं।
14 अक्टूबर को ली थी BJP की सदस्यता
दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार मैथिली ठाकुर को ‘‘बाहरी’’ होने के आरोपों का सामना भी करना पड़ा। वह स्थानीय मैथिली भाषा में निपुण हैं और उनकी पारिवारिक जड़ें पास के मधुबनी जिले में हैं। कुछ समय से वह अपने माता-पिता और भाइयों के साथ दिल्ली में रह रही थीं। ठाकुर ने 14 अक्टूबर को भाजपा की सदस्यता ली थी। 5 अक्टूबर को जब चुनाव की घोषणा से ठीक एक दिन पहले भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, तब यह लगभग तय माना जाने लगा था कि वह चुनाव मैदान में उतरेंगी।
‘लालू राज’ के दौरान बिहार छोड़ने को मजबूर हुआ था मैथिली का परिवार
भाजपा के बिहार प्रभारी तावड़े ने X पर लिखा था, ‘‘प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर उन परिवारों में से एक से हैं, जो 1995 में ‘लालू राज’ के दौरान बिहार छोड़ने को मजबूर हुए थे। अब बदलते समय के साथ वह वापस आना चाहती हैं।’’
उनकी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा से कुछ दिन पहले ही मौजूदा भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव ने पार्टी छोड़ दी थी। यादव ने आरोप लगाया था कि भाजपा ‘‘दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा’’ कर रही है।
अमित शाह से लेकर धर्मेंद्र प्रधान ने झोंक दी थी ताकत
अलीनगर के कुल 12 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा चर्चा मैथिली ठाकुर की ही थी- उनकी राजनीतिक समझ से ज्यादा उनकी गायन प्रतिभा को लेकर। चाहे नामांकन का दिन हो या अमित शाह के साथ मंच साझा करने वाली उनकी सभा, लोग उनके भाषणों की तुलना में उनकी मधुर गायकी पर अधिक तालियां बजाते हैं।
भाजपा ने भी मैथिली के समर्थन में पूरी ताकत झोंक दी थी। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता कौशल चौधरी ने भी कहा था कि मैथिली ठाकुर की छवि साफ-सुथरी है, जो उनके पक्ष में जाती है। साथ ही, पार्टी कार्यकर्ता उनकी जीत सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’
प्रतिद्वंद्वी RJD उम्मीदवार ने मैथिली को लेकर क्या कहा था?
मैथिली ठाकुर ब्राह्मण समुदाय से हैं और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद उम्मीदवार बिनोद मिश्र भी ब्राह्मण हैं, जो उम्र में उनसे करीब 35 वर्ष बड़े हैं। मिश्रा को मुस्लिम और यादव समुदायों का समर्थन मिलने की उम्मीद थी, जो इस क्षेत्र में ब्राह्मणों के साथ सबसे अधिक संख्या में हैं। यह विधानसभा क्षेत्र 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। 2010 और 2015 में हुए दो चुनावों में राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जीत दर्ज की थी, जबकि 2020 में राजद के बिनोद मिश्र को विकासशील इंसान पार्टी (तत्कालीन राजग घटक) के मिश्री लाल यादव ने हराया था। राजद उम्मीदवार मिश्रा ने कहा था कि पिछले 5 वर्षों में अलीनगर के लोगों ने एक बाहरी को चुनने की गलती का खामियाजा भुगता है। वे अब वह गलती दोहराना नहीं चाहते। मैथिली ठाकुर भले ही बेहतरीन गायिका हों, लेकिन राजनीति में वह नई हैं।







