उप सम्पादक जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
20/11/2025
काठमाण्डौ,नेपाल – भारत सरकार ने नेपाल को फिर से 10 बेली ब्रिज (प्रीफैब्रिकेटेड स्टील ब्रिज) दिए हैं।
पिछले साल सितम्बर के आखिरी महीने में बाढ़ और लैंडस्लाइड से रुके रोड नेटवर्क को जोड़ने के लिए 380 मिलियन रुपये के 10 बेली ब्रिज देने के बाद, भारत ने इस साल भी 10 बेली ब्रिज दिए हैं।
नेपाल में भारतीय एम्बेसडर नवीन श्रीवास्तव ने गुरुवार को हेटौडा में रोड डिवीज़न ऑफिस में हुए एक प्रोग्राम के दौरान फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर कुलमन घीसिंग को बेली ब्रिज सौंपा।
भारतीय एम्बेसडर श्रीवास्तव ने कहा कि भारत नेपाल के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मदद करता रहा है।
उन्होंने कहा कि अब तक दिए गए बेली ब्रिज लंबे और टिकाऊ हैं। एम्बेसडर श्रीवास्तव ने कहा कि भारत-नेपाल के डेवलपमेंट में लंबे समय से सहयोग चल रहा है, इसे जारी रखने पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से नेपाल के डेवलपमेंट का सपोर्टर रहा है।
फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर घीसिंग ने 10 पिस 70 मीटर लंबे बेली ब्रिज देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
उन्होंने ईस्ट-वेस्ट हाईवे को इनर मधेश से जोड़ने वाले पोस्टल हाईवे के कंस्ट्रक्शन में भारत की मदद की तारीफ की।
घीसिंग ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन से न सिर्फ देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट बढ़ती है बल्कि नागरिक देश से भी जुड़ते हैं।
पिछले साल सितम्बर में बेली ब्रिज की मदद के लिए भारत सरकार से रिक्वेस्ट की गई थी, इसलिए इस साल भी 10 बेली ब्रिज दिए गए हैं, ऐसा फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी केशव शर्मा ने कहा।
नेपाल में 50 मीटर तक लंबे बेली ब्रिज खरीदने में भी दिक्कत होने की बात कहते हुए सेक्रेटरी शर्मा ने कहा कि भारत जो 10 बेली ब्रिज देगा, वे सिंगल-लेन, 70 मीटर लंबे और 5.25 मीटर चौड़े होंगे। बताया जा रहा है कि पहले दिए गए ब्रिज 50 मीटर से ज़्यादा लंबाई के हैं।
शर्मा ने बताया कि चार बेली ब्रिज तुरंत लगाने की ज़रूरत है। भारत को जो 10 पुल देने थे, उनमें से अब तक सिर्फ़ एक ही आया है।
सेक्रेटरी शर्मा ने भरोसा जताया कि भारत पुल बनाने में टेक्निकल मदद भी देगा और नेपाली टेक्नीशियन को नई टेक्नोलॉजी सिखाई जाएगी।







