समाज सेवी अजय द्विबेदी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर फर्ज़ी अध्यापक के खिलाफ कार्यवाही की की माँ
महराजगंज जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में सुधार की लाख कोशिशों के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जो इस व्यवस्था की असल हालत को नंगा कर देता है। कम्पोजिट विद्यालय पिपरा खादर में तैनात खुशबूद्दीन नामक शिक्षक पर आरोप है कि वह फर्जी अंकपत्रों के सहारे वर्ष 2016 से नौकरी कर रहा है। बात यहीं तक सीमित नहीं है। गांव वालों का दावा है कि खुशबूद्दीन वर्षों तक सऊदी अरब में रहकर कमाई करते रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब व्यक्ति विदेश में रह रहा था, तो भारत में उसकी डिग्री कब बनी और कब जमा हुई? यह मामला केवल एक शिक्षक का नहीं, बल्कि उन जिम्मेदारों का भी है जिन्होंने ऐसे दस्तावेजों पर नियुक्ति दी। इस गंभीर प्रकरण को समाजसेवी अजय द्विवेदी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर जांच की आवश्यक कार्यवाही की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग में कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा आज तक फल-फूल रहा है पूर्व में जनपद में दर्जनों शिक्षकों की सेवाएं इस तरह के मामलों में समाप्त की जा चुकी हैं, इनके खिलाफ कई बार शिकायत हो चुका हैं लेकिन प्रशासनिक कोई भी कार्यवाही आज तक नही हुआ आखिर क्यों यह मामला आज भी ठंडे बस्ते में है सवाल यह है कि आखिर किसकी सह पर यह सब संभव हो रहा है?यदि अब भी कार्यवाही नहीं हुई,एक तरफ योगी सरकार में फर्जी अध्यापकों की जाँच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल रही हैं परन्तु यह केवल एक शिक्षक की ग़लती नहीं मानी जाएगी, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की साख पर गहरा आघात होगा अब देखना यह हैं कि क्या जिलाधिकारी महोदय इस अध्यापक के खिलाफ क्या कार्यवाही करते है या फिर इनके कार्यो को देते है बढ़ावा







