उप सम्पादक जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
21/11/2025
काठमाण्डौ,नेपाल – चीफ़ जस्टिस प्रकाश मान सिंह राउत की लीडरशिप में सुप्रीम कोर्ट की एक हाई-लेवल टीम शनिवार को भारत के लिए रवाना हो रही है।
कैबिनेट ने तय किया है कि चीफ़ जस्टिस के साथ लॉ मिनिस्टर अनिल कुमार सिन्हा भी जाएंगे।
चीफ़ जस्टिस राउत, सबसे सीनियर जज सपना प्रधान मल्ला और चीफ़ रजिस्ट्रार बिमल पौडेल की एक टीम भारतीय चीफ़ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के रिटायरमेंट के बाद नए नियुक्त चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारतीय राजधानी नई दिल्ली जा रही है।
कैबिनेट ने उनके भारत दौरे को पहले ही मंज़ूरी दे दी है। हालांकि, चीफ़ जस्टिस की टीम, जो हाल ही में बांग्लादेश के दौरे से लौटी थी, के सुप्रीम कोर्ट का सेशन शुरू होते ही भारत के लिए रवाना होने के बाद आलोचना भी शुरू हो गई है।
भारतीय चीफ़ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने की पिछली प्रैक्टिस के कारण इस दौरे की आलोचना की गई है।
मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इंडस्ट्री मिनिस्टर अनिल कुमार सिन्हा को भारत आने की इजाज़त मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा है कि चीफ जस्टिस, सीनियर जज और चीफ रजिस्ट्रार भी उस इवेंट में शामिल होंगे जिसमें सिन्हा कानून मंत्री के तौर पर हिस्सा लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की एक अलग टीम, जिसमें चीफ जस्टिस, सीनियर जज और चीफ रजिस्ट्रार शामिल हैं, भी भारत जा रही है।
सिन्हा 8 मंग को राष्ट्रपति भवन में नए नियुक्त चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे और 10 मंग को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित होने वाले संविधान दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
एक जज ने कहा, ‘सिर्फ़ तीन हफ़्ते पहले, चीफ जस्टिस राउत, सीनियर जस्टिस मल्ला, जस्टिस बिनोद शर्मा और चीफ रजिस्ट्रार पौडेल वाली एक टीम बांग्लादेश के नाकाम दौरे से लौटी है।’
‘पहले, भारत में नियुक्त होने वाले चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने का हमारा कोई इतिहास नहीं है। अब, जब सपना प्रधान मल्ला थोड़ी देर में चीफ जस्टिस बन जाएंगी, तो पड़ोसी देशों के किन चीफ जस्टिस को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया जाएगा?’
एक और जज का कहना है कि जजों को पता होना चाहिए कि वे किन जगहों और एजेंडा पर जा रहे हैं और बुलाए जाने के तुरंत बाद नहीं जाना चाहिए। जज ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने अभी-अभी केस की सुनवाई शुरू की है। देश के मौजूदा हालात को देखते हुए, यह दौरा रोक देना चाहिए था।’
पूर्व जस्टिस बलराम केसी का कहना है कि चीफ जस्टिस और सबसे सीनियर जज का भारतीय चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना ठीक नहीं है। केसी ने यह भी कहा कि यह संवैधानिक नियम का उल्लंघन होगा कि जब चीफ जस्टिस विदेश दौरे पर जाएं या दूसरे कारणों से सुप्रीम कोर्ट से गैरहाजिर हों, तो सबसे सीनियर जज देश की ज्यूडिशियरी को लीड करें। केसी ने कहा, ‘भारत या दूसरे देशों के चीफ जस्टिस का बुलावे पर जाना अलग बात है, लेकिन चीफ जस्टिस और सबसे सीनियर जज का शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना ठीक नहीं है।’ ‘यहां, सबसे सीनियर जज को भी चीफ जस्टिस के साथ जाना होता है। संविधान तीसरे नंबर के जज को एक्टिंग जज नहीं कहता। इस दौरे से पता चला है कि देश में कोई ज्यूडिशियल लीडरशिप नहीं होगी।’
पूर्व जस्टिस केसी ने यह भी कहा कि नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में भारतीय चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण के दौरान ज्यूडिशियल लीडरशिप को खाली छोड़ने का कोई रिवाज नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘शायद यह पहली बार है जब चीफ जस्टिस इस तरह शपथ ग्रहण समारोह में गए हैं। इस तरह जाने का कोई रिवाज नहीं था।’
इससे पहले, चीफ जस्टिस राउत की टीम बिना किसी प्रोग्राम या फॉर्मल कॉन्टेक्स्ट के बांग्लादेश गई थी, और अब, सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कमेंट किया है कि जब वे भारत में शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगे तो और भी गंभीर सवाल उठ सकते हैं।
क्योंकि पड़ोसी देश में प्रधानमंत्री बनने पर दोस्त देशों के प्रधानमंत्रियों को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने का रिवाज है, और क्योंकि पड़ोसी देश के चीफ जस्टिस को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने और शामिल होने का कोई रिवाज नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा है कि अगर नेपाल से शुरुआत करनी है, तो पहले सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना चाहिए कि किसे बुलाना है और किसे विज़िट करना है। टीम में से कोई भी विज़िट की हो रही बुराई पर कमेंट नहीं करना चाहता था।







