
अधिवक्ताओं ने किया बिल संशोधन का विरोध काला कानून वापस लेने की मांग
खजनी।गोरखपुर खजनी अधिवक्ताओं ने अधिनियम 2025 में संशोधन करने के विरोध में 6 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार अपनी कठपुतली बनाकर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अधिवक्ता संघों को खत्म कर बर्बाद करने का षड्यंत्र रचने का चक्र चल रही है।बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) अधिवक्ता अधिनियम
2025 के बिरोध मे आज अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर मे पूरी तरह से काम बन्द कर सरकार के विरुद्ध लड़ाई का ऐलान किया तथा सभी सरकारी कार्य भी ठप रहा अधिकताओं ने इस काले कानून को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर करने की बात कही इस अवसर तहसील मे पूरी तरह से सन्नाटा छाया रहा और कोई भी दस्तावेज पंजीकृत नही हुआ।अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन के बाद एक पत्रक बिधि मन्त्री को सम्बोधित उपजिलाधिकारी खजनी को सौपा प्रदर्शन के दौरान कहा कि सरकार हमारे उपर जो काला कानून थोपने का काम करना चाहती है उसको हम कभी स्वीकार नही करेंगे तथा इसके लिए जनआन्दोलन चलाया जायेगा हम लोग अंग्रेजी हुकुमत को उखाड़ फेक सकते है तो इस सरकार मे क्या रखा है। सरकार अधिवक्ताओं का ही धन उन्हे नही देना चाहती है जो हम लोगो द्वारा वकालतनामा व टिकट के माध्यम से जमा कराते है उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। उनके परिवार के लिये एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्राविधान अब तक नही किया गया।बल्कि हमारे अस्तित्व को ही समाप्त करने पर तुली है जिससे हम लोगो न्याय दिलाने मे भी परेशानी का सामना करना पड़े। पूरे प्रदेश के अधिवक्ता विशेषकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल मांग करती है कि प्रदेश के अधिवक्ताओं का 10 लाख का मेडिकल क्लेम व मृत्यु होने पर 10 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाये।।केन्द्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की जो बातें कही गयी हैं, उसे तुरन्त समाप्त किया जाये। साथ ही किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता न होने के कारण हम अमेंडमेंट बिल-2025 के पूरे संशोधन को निरस्त करते हैं।
अधिवक्ता गण पूरे देश में इस लड़ाई को मजबूत बनाने पर बाध्य होंगे।धरना प्रदर्शन मे अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह,मन्त्री कामेश्वर प्रसाद,पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, महेश प्रसाद दूबे, रामप्रीत यादव,पलटराज, गिरजेश राय,कृष्ण कुमार मिश्र,दयानाथ दूबे,ईश्वरचन्द्र सिंह,,अनूप सिंह,विनोद कुमार पाण्डेय राजनाथ दूबे , चन्द्रभान शुक्ला, सुबाषचन्द, यदुवंशलाल,आनन्दचन्द, संजय पाण्डेय, उमेशदूबे, मदनमोहन, रामसहाय चतुर्वेदी, गौतम यादव, राणाप्रताप सिंह,रामअशीष यादव, के एन गुप्ता, कमलेश कुमार,रामबृक्ष यादव,रामप्रवेश,अभय सिंह,रामसिंह,,बलजीत,सुनील कुमार, रामकृष्ण दूबे,सन्तोष कुमार सिंह,कृष्णानन्द शुक्ल,संजय कुमार ,अनिल कुमार,बिजेंद्र यादव,लालबहादुर यादव,राजदेव प्रियदर्शी,दिनेश,बृजलाल प्रसाद,सूर्यनाथ मौर्य आदि समस्त अधिवक्तागण उपस्थित रहे।