उप सम्पादक जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
14/11/2025
काठमाण्डरू,नेपाल – बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद थी। चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन के उम्मीदवारों को जनता का अच्छा समर्थन मिलता दिख रहा था। लेकिन मतदान में स्थिति कुछ और ही दिखी।
चुनाव के शुरुआती रुझान से साफ है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत मिलेगा। कुल 243 सीटों में से एनडीए अब तक 190 सीटों पर आगे चल रहा है।
सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के घटकों में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 83 सीटों पर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 79 सीटों पर और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 22 सीटों पर आगे चल रही है। विपक्षी महागठबंधन 49 सीटों पर आगे चल रहा है।
इस गठबंधन के मुख्य घटक राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजद) 32 सीटों पर, कांग्रेस 6 सीटों पर और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) 6 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि पिछले चुनाव में राजद 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
*महिलाओं और बुज़ुर्गों केा भत्ता*
इस बार चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाओं और बुज़ुर्गों ने वोट डाला। कुल वोटों में से 71.6 प्रतिशत महिलाओं और 62.8 प्रतिशत पुरुषों ने डाले। चुनाव से कुछ समय पहले, सरकार ने 1.4 करोड़ महिलाओं को सीधे 10,000 रुपये की सहायता राशि हस्तांतरित की थी।
मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना के तहत भेजी गई यह राशि महिला सशक्तिकरण और कल्याणकारी योजना मानी जाती है।
इसका उद्देश्य महिला उद्यमियों को तैयार करना है और यह धनराशि पारदर्शी तरीके से खातों में हस्तांतरित की गई है।
हालांकि, चुनाव से पहले सरकार द्वारा पैसे बाँटने का असर मतपत्रों में दिखाई दे रहा है। हालाँकि विपक्षी महागठबंधन ने चुनाव से पहले पैसे भेजने की कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन वह इसे रोक नहीं सका। दूसरी ओर, उसने खुद घोषणा की थी कि जीतने पर वह कई योजनाएँ शुरू करेगा।
महागठबंधन के तेजस्वी यादव, जिन्हें मुख्यमंत्री पद के भावी उम्मीदवार के रूप में प्रचारित किया जा रहा था, ने घोषणा की थी कि अगर वे जीतते हैं, तो महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह भत्ता देंगे। लेकिन लोगों को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ। इसी तरह, उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि नई सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर प्रत्येक घर से कम से कम एक व्यक्ति को रोज़गार देने वाला विधेयक सदन में पेश किया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिक भत्ते को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक और सफलता थी।
विधवाओं, विकलांगों और राज्य के सामाजिक सुरक्षा भत्ते में भी वृद्धि की गई। इससे कुल 1.9 करोड़ लोगों को सीधा लाभ हुआ। इस बार नीतीश कुमार के समर्थन में रैली में बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक नज़र आए।
*मुफ़्त बिजली*
एनडीए गठबंधन द्वारा 125 यूनिट तक मुफ़्त बिजली देने की घोषणा एक और बड़ा बदलाव लेकर आई।
यह योजना यह दिखाने के लिए पेश की गई थी कि सरकार लोगों के सुख-दुख में उनके साथ है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने भी एनडीए के पक्ष में जन-आंदोलन खड़ा कर दिया है। जेडीयू कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार के विकास का मसीहा बताया था।
उन्होंने ‘सुशासन और विकास के लिए एनडीए सरकार’ का नारा दिया था। अब बीजेपी और जेडीयू के दफ्तरों में खुशियाँ शुरू हो गई हैं। जेडीयू कार्यकर्ताओं ने ‘फिर एक बार नीतीश सरकार’ का नारा बुलंद किया है।







